संभल में बावड़ी पर बना मकान तुड़वाया गया

संभल में प्रशासन ने 150 साल पुरानी बावड़ी पर अतिक्रमण कर बनाए गए मकान को शुक्रवार रात हटाना शुरू कर दिया। शाम ६ बजे नोटिस चस्पा कर २४ घंटे का समय दिया गया। एक घंटे बाद ही अधिकारी टीम के साथ पहुंचे और परिवार से मकान खाली करवा दिया। मजदूरों ने रात में मकान का एक हिस्सा गिरा दिया। अभी मौके पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात हैं। कड़ाके की ठंड में परिवार सड़क पर बैठा रहा। मकान गिरते देख महिलाएं एक दूसरे से लिपटकर रोने लगीं। उन्होंने कहा कि हमारे साथ बहुत जुल्म हो रहा, इतनी ठंड में हम कहाँ जाएंगे।

मुस्लिम परिवार ने २०१७ में जमीन खरीदकर मकान बनवाया था। वहीं कार्रवाई को लेकर डीएम का कहना है कि बावड़ी पर अतिक्रमण करके मकान बनवाया गया। इनका बैनामा भी फर्जी है। जलाशय क्षेत्र में मकान का निर्माण नहीं करवाया जा सकता।

यह मामला २१ दिसंबर को संपूर्ण समाधान दिवस में सामने आया। चंदौसी में संपूर्ण समाधान दिवस पर कौशल किशोर ने डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया से शिकायत की। इसमें कहा गया कि खाली प्लॉट पर कूड़ा डालकर उसे पाटा जा रहा। जब डीएम ने जांच करवाई तो पता चला कि यह स्थल १५० साल पुरानी ऐतिहासिक बावड़ी का है। इसके बाद इसकी खुदाई शुरू करवाई गई। इसके नीचे तीन मंजिला बावड़ी, सुरंग और कुआं मिला। अभी बावड़ी की खुदाई रोक दी गई है। बावड़ी का क्षेत्रफल ४०० वर्ग मीटर में है। इसके आसपास लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है।

लक्ष्मणगंज स्थित रानी सुरेंद्रबाला की बावड़ी के पास गुलनाज बी पत्नी युसूफ सैफी का मकान बना हुआ है। गुलनाज को नगर पालिका परिषद चंदौसी की ओर से अवैध मकान निर्माण को लेकर नोटिस दिया गया था। शुक्रवार शाम ७ बजे एसडीएम निधि पटेल के साथ तहसीलदार धीरेंद्र प्रताप सिंह, पालिका के ईओ कृष्ण कुमार सोनकर टीम के साथ पहुंचे। बावड़ी की दीवार के ऊपर बने मकान की दूसरी मंजिल पर लेबर को भेजकर दीवार तुड़वाना शुरू कर दिया। शाम ७:३० बजे डीएम डॉ. राजेंद्र पैसिया भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने कहा कि नक्शे के मुताबिक बावड़ी का क्षेत्रफल ४०० वर्ग मीटर में है, इसलिए इसके दोनों ओर की सड़कों को भी बावड़ी में शामिल करते हुए दीवारें खड़ी कराई जाएं। इसके साथ ही दो मंजिला मकान के नीचे जहां तक बावड़ी की दीवार हो, वहां तक इस मकान को तोड़ा जाए। देर रात तक तहसील और पालिका प्रशासन की मौजूदगी में तोड़फोड़ का काम चलता रहा।

मकान के मालिक युसुफ ने बताया कि २०१७ में पत्नी गुलनाज के नाम से जमीन बैनामा करवाकर मकान बनवाया था। पालिका प्रशासन की ओर से शाम को ६ बजे मकान खाली करने का नोटिस चस्पा किया गया था। इसके एक घंटे बाद ही बुलडोजर लेकर पालिका और तहसील प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई। सामान निकालने का मौका भी नहीं दिया गया। लेबर ने तोड़फोड़ शुरू कर दी। वहीं डीएम का कहना था कि एक नोटिस पहले भी दिया जा चुका है, लेकिन मकान खाली नहीं किया गया था। डीएम ने कहा कि अतिक्रमण भी हम हटवा रहे हैं।

डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि बारिश की आशंका है। बावड़ी के अंदर कुछ दरारें पाई गई थीं, उसमें मलबा भरा था। इसके ऊपर अत्यधिक भार था। भविष्य में वर्षा की संभावना के दृष्टिगत इसके ऊपर शेड बनाया जाएगा और पूरी भूमि को चिह्नित करके जो जगह इसकी जद में आ रही है, उसका अतिक्रमण भी हम हटवा रहे हैं। नीचे मलबा बहुत भारी है।

खुदाई रुकी हुई होने के सवाल पर डीएम ने कहा कि बावड़ी के नीचे गैस नहीं थी, जब नीचे ऑक्सीजन गई तो अंदर पानी भरा हुआ था, जिसके कारण इवेपरेशन हो रहा था। पॉल्यूशन विभाग की रिपोर्ट भी हमारे पास आ गई है। इसीलिए यह कार्य रोका गया था, क्योंकि नीचे मलवा बहुत भारी है और धीरे-धीरे मलवा निकले, ताकि बावड़ी को किसी प्रकार की कोई नुकसान न हो।