टीचर की बर्खास्तगी के खिलाफ अपील बीएसए के खारिज करने पर हाई कोर्ट नाराज 

टीचर की बर्खास्तगी के खिलाफ अपील बीएसए के खारिज करने पर हाई कोर्ट नाराज 

कहा, हलफनामा नहीं आया तो जौनपुर बीएसए कोर्ट में हाजिर हो

प्रयागराज, 16 जनवरी (हि.स)। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बगैर किसी अधिकारिता के टीचर की बर्खास्तगी के खिलाफ दाखिल अपील खारिज करने के बीएसए के आदेश को अवैध माना है। कोर्ट ने बीएसए जौनपुर से उनका व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने को कहा है। पूछा है कि किस अधिकार से उन्होंने बर्खास्तगी के खिलाफ दाखिल अपील को खारिज किया। अपील मेम्बर सेक्रेटरी बेसिक एजूकेशन बोर्ड के समक्ष दाखिल की गई थी।

यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने प्राथमिक विद्यालय हरिपुर, सुजानगंज जौनपुर में कार्यरत रहे टीचर सुशील कुमार यादव की याचिका पर दिया है। याची टीचर के अधिवक्ता आलोक कुमार यादव ने कोर्ट को बताया कि बर्खास्तगी आदेश के खिलाफ दाखिल अपील पर सुनवाई का अधिकार मेम्बर सेक्रेटरी बेसिक एजूकेशन बोर्ड को है न कि बीएसए को है।

मामले के अनुसार याची टीचर को 27 दिसम्बर 2019 को बर्खास्त कर दिया गया था। 6 अगस्त 2024 को याचिका यह कहते हुए निस्तारित कर दिया गया कि याची को बर्खास्तगी के खिलाफ अपील दाखिल करने का वैकल्पिक उपचार है। याची ने तदनुसार अपील दाखिल कर दी थी। परन्तु बीएसए ने खुद अपील पर सुनवाई कर उसे खारिज कर दिया। बीएसए के इस आदेश 13 नवम्बर 2024 को हाईकोर्ट में याचिका में चुनौती दी गई है।

हाईकोर्ट ने बीएसए से उनका व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है तथा कहा है कि यदि हलफनामा दाखिल नहीं किया जाता है तो बीएसए 23 जनवरी को कोर्ट में उपस्थित रहेंगे।

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