भारत का सांस्कृतिक नेतृत्व करता है दुनिया का मार्गदर्शन  : रामलाल

भारत का सांस्कृतिक नेतृत्व करता है दुनिया का मार्गदर्शन  : रामलाल

महाकुम्भ में भारत की अखंडता, भौगोलिक व राजनैतिक चुनौतियां विषय पर हुई संगोष्ठी

महाकुम्भनगर, 25 जनवरी (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख रामलाल ने कहा कि भारत का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक नेतृत्व दुनिया का मार्गदर्शन करता रहा है। भारतवासी एकजुट होकर देश की अखंडता को बनाए रखते हुए विश्व को सुख-शांति का संदेश दें।

वह मुख्य अतिथि के तौर पर दिव्य प्रेम सेवा मिशन हरिद्वार की ओर से शनिवार को कुंभ नगरी प्रयागराज की पावन भूमि पर “भारत की अखण्डता – भौगोलिक और राजनैतिक चुनौतियां” विषय पर एक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। यह आयोजन भारत की अखंडता और सामाजिक चेतना को जागृत करने के उद्देश्य से किया गया।

भाजपा प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने कहा कि एकता भारतीय सनातन संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने ऐतिहासिक घटनाओं का उल्लेख करते हुए राजनीतिक एकता और सनातन ध्वज के तले भारत की अखंडता को मजबूत बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। वरिष्ठ पत्रकार डॉ. हर्षवर्धन त्रिपाठी ने कहा कि महाकुंभ विचार-विनिमय और शास्त्रार्थ का पवित्र स्थल है। उन्होंने नेताओं के आचरण पर तंज कसते हुए आंतरिक सुरक्षा और सामाजिक एकता को सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

डॉ. सुशील पंडित ने देश की सुरक्षा से संबंधित चार प्रमुख संकटों- बाहरी, आंतरिक, भीतरी शत्रु प्रेरित बाहरी, और बाहरी शत्रु प्रेरित भीतरी संकट – पर प्रकाश डाला। कहा कि आत्मरक्षा हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए और सभी नागरिकों को इन संकटों के प्रति सतर्क रहना चाहिए। शांतनु गुप्ता ने भारत को विदेशी शक्तियों के प्रभाव से मुक्त करने और देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में हो रहे प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने जाति और भेदभाव से ऊपर उठकर एकजुटता और अखंडता पर जोर दिया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता एवं समापन दिव्य प्रेम सेवा मिशन के संस्थापक डॉ. आशीष गौतम ने किया। कार्यक्रम का समापन बीजेपी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर सिंह के प्रेरणादायक संबोधन और सामूहिक वंदेमातरम् के गायन के साथ हुआ।

—————