संतों की वाणी में होती है दिव्यता और शांति : महंत दुर्गादास

संतों की वाणी में होती है दिव्यता और शांति : महंत दुर्गादास

श्रीपंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण की छावनी में स्वामी राममुनि कों बनाया गया महामंडलेश्वर

महाकुम्भ नगर, 30 जनवरी (हि.स.)। प्रयागराज, महाकुम्भ में श्रीपंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण की छावनी में गुरूवार को अखाड़े के पंच परमेश्वर और संत महापुरुषों की उपस्थिति में चादर पोशी कर संत मण्डल आश्रम के पीठाधीश्वर महन्त राममुनि महाराज,हरिद्वार कों महामंडलेश्वर बनाया गया। जिन पर संत महापुरुषों ने पुष्प वर्षा कर शुभकामनायें देते हुए उनके उज्वल भविष्य की कामना की।

श्रीमहंत महेश्वर दास, मुखिया महंत दुर्गादास ने कहा की संतों की वाणी में दिव्यता और शांति होती है। माँ सरस्वती का आशीर्वाद संतों के शब्दों में वास करता है। संतों का कथन सच्चाई, ज्ञान और भक्ति से ओत-प्रोत होता है । यह सब माँ सरस्वती की कृपा से संभव होता है। वे अपनी वाणी से हमें सत्य की ओर मार्गदर्शन करते हैं। उन्होंने कहा की आज श्रीपंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण की छावनी में संत मण्डल आश्रम के पीठाधीश्वर महन्त राममुनि महाराज को महामंडलेश्वर की उपाधि का पट्टा अभिषेक किया गया। उन्हें हम साधुवाद देते हैं और उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं जिससे वह सनातन की ख्याति को और बढ़ाएं।

नव नियुक्त महामंडलेश्वर निष्ठा और समर्पण के साथ करें कार्य : कपिल मुनि

महामंडलेश्वर स्वामी कपिल मुनि, महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश और महामंडलेश्वर स्वामी हरि चेतनानंद महाराज ने कहा कि हम नव नियुक्त महामंडलेश्वर को शुभकामनाएं देते हुए हम यही कामना करते हैं कि वे अपने पद की गरिमा और जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ निभाएंगे। उनका मार्गदर्शन सभी भक्तों के लिए प्रेरणादायक हो और उनका कार्य क्षेत्र समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाएंगे। उन्होंने उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा की वे दिव्य आशीर्वाद से हमेशा सुसज्जित रहें और उन्हें हर प्रयास में सफलता प्राप्त हो।

पद की गरिमा बनाए रखने के लिए करूंगा समाज सेवा: राममुनि

नवनियुक्त महामंडलेश्वर स्वामी राममुनि महाराज ने कहा कि आज संत महापुरुषों द्वारा मुझे जो उपाधि दी गई है, मैं सदैव उनका ऋणी रहूंगा। मैं इस पद की गरिमा को बनाए रखूंगा और सभी संत महापुरुषों का सदा सम्मान करता रहूंगा।

इस अवसर पर महंत रामनौमी दास, महामंडलेश्वर स्वामी कपिल मुनि, महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश, महंत राघवेंद्र दास, महंत गोविंद दास, महंत कमल दास, महंत प्रेमदास, महंत जयेंद्र मुनि, महंत जसविंदर सिंह, महंत देवेंद्र सिंह आदि के संग अनेक संत महापुरुष और श्रद्धालु मौजूद रहे।

—————